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Showing posts from 2018

PILIBHIT

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PILIBHIT हमारा पीलीभीत 1801 में जब रोहिलखंड को अंग्रेजों को सौंप दिया गया था, तो पीलीभीत जिला बरेली का परगना था, जिसे 1833 में हटा दिया था यह व्यवस्था अस्थायी थी और 1841 में बरेली के साथ एक बार फिर से एकजुट हुआ। 1871 में परगना जहानाबाद, पीलीभीत और पुरनपुर के इलाके को संयुक्त कर पीलीभीत तहसील का निर्माण हुआ। जिसे अंततः 1879 में एक जिले में बदल दिया गया। ब्रिटिश शासन की शुरूआत में पीलीभीत, जहानाबाद और बीसलपुर परगना को अलग अलग तहसील बनाया गया था तथा पूरनपुर को तहसील बनाने के लिए परगना पूरनपुर को खुटार के साथ जोड़ा गया। 1824 में क्षेत्र के पुनर्वितरण के परिणामस्वरुप, जब बीसलपुर तहसील के अंतर्गत परगना बीसलपुर और मरौरी आते थे, जो बाद में एक क्षेत्र बन गया; जहानाबाद को रिच्छा के साथ मिलाकर तहसील परेवा और पीलीभीत के साथ बिलहरी के साथ मिलाकर तहसील पीलीभीत को मुख्यालय बनाया गया था। 1895 में बिलहरी और अन्य तराई परगना को प्रत्यक्ष प्रबंधन के तहत लिया गया और 1863 में रिच्छा को बहेड़ी तहसील से जोड़ा गया तथा परगना जहांनाबाद को पीलीभीत को सौंपा गया। 1865 में पीलीभीत के हस्तांतरण पर पुर

Nainital

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Nainital Nainital is a Himalayan resort town in the Kumaon region of India’s Uttarakhand state, at an elevation of roughly 2,000m. Formerly a British hill station, it’s set around Nainital Lake, a popular boating site with Naina Devi Hindu Temple on its north shore. A cable car runs to Snow View observation point (at 2,270m), with vistas over the town and mountains including Nanda Devi, Uttarakhand’s highest peak. The sheer appeal of the eye-shaped Naini Lake is simply enchanting, be it in days when boating goes on in full swing, or at nights when its bank is lit by numerous lights highlighting border. The sound of Naina Devi Temple bells are enough to guide anyone looking for direction. From here, most of the tourists embark on their journey to learn more about this once British occupied capital. If plans extend to nearby places, people busy in arranging fields for terrace farming meticulously could be seen in Ranikhet. Not every day one can view such hard work of h

PURNAGIRI Visit

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 जय मां पूर्णागिरि  पूर्णागिरि मन्दिर भारत के उत्तराखण्ड प्रान्त के टनकपुर में अन्नपूर्णा शिखर पर ५५०० फुट की ऊँचाई पर स्थित है। यह १०८ सिद्ध पीठों में से एक है।  यह स्थान महाकाली की पीठ माना जाता है। कहा जाता है कि दक्ष प्रजापति की कन्या और शिव की अर्धांगिनी सती की नाभि का भाग यहाँ पर विष्णु चक्र से कट कर गिरा था।  प्रतिवर्ष इस शक्ति पीठ की यात्रा करने आस्थावान श्रद्धालु कष्ट सहकर भी यहाँ आते हैं। यह स्थान टनकपुर से मात्र १७ कि॰मी॰ की दूरी पर है। अन्तिम १७ कि॰मी॰ का रास्ता श्रद्धालु अपूर्व आस्था के साथ पार करते हैं। नेपाल इसके बगल में है। समुद्र तल से ३००० मीटर की ऊचाई पर स्थित है। पूर्णागिरी मन्दिर टनकपुर से २० कि॰ मी॰, पिथौरागढ से १७१ कि॰मी॰ और चम्पावत से ९२ कि॰मी॰ की दूरी पर स्थित है। पूर्णागिरी मे वर्ष भर तीर्थयात्रियो का भारत के सभी प्रान्तो से आना लगा रहता है। विशेषकर नवरात्रि (मार्च-अप्रैल) के महीने में भक्त अधिक संख्या में आते हैं। भक्त यहाँ पर दर्शनों के लिये भक्तिभाव के साथ पहाड़ पर चढ़ाई करते हैं। पूर्णागिरी पुण्यगिरी के नाम से भी जाना जाता है। यहा से काल

True love of father for his son

“Falling in love,” is significant because no one rises in love or climbs in love. You fall in love, because something of who you are has to go. If not the whole of you, at least a part of you should collapse. Only then there is a love affair. You are willing to destroy a bit of yourself for the sake of the other. It essentially means someone else has become far more important than yourself. Unfortunately, what most people call “love” is just a mutual benefit scheme. If you can look at everything lovingly, the whole world becomes beautiful in your experience. You realize love is not something that you do; love is the way you are. Every action that we do is in some way to fulfill certain needs. If you see this, there is a possibility that you can grow into love as your natural quality. But people go on fooling themselves into believing that the relationships they have made for convenience, comfort and wellbeing, are actually relationships of love. I am not saying there is no experien

THE SEVEN SPIRITUAL LAWS OF SUCCESS

THE SEVEN SPIRITUAL LAWS OF SUCCESS LAW OF PURE POTENTIALITY If you have the desire,you have the ability to manifest that desire. LAW OF GIVING If you want joy, give joy to others;if you want love,learn to give love....Give what you want. LAW OF KARMA We reap what we sow so plant good seeds. LAW OF LEAST EFFORTS Grass doesn't try to grow,it just grows. Fish don't try to swim,they just swim.....Practice acceptance,responsibility and defencelessness. LAW OF INTENTION AND DESIRE One pointed intention the quality of attention that is unbending in its fixity of purpose. LAW OF DETACHMENT In order to acquire to anything, you have to relinquish you attachment to it. LAW OF "DHARMA" Everyone has a purpose in life -a unique gift or spacial talent to give to others.

The Gift of GOD

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The Gift of GOD I'm proud of my hard work. Working hard won't always lead to the exact things we desire. There are many things I've wanted that I haven't always gotten. But, I have a great satisfaction in the blessings from my mother and father, who instilled a great work ethic in me both personally and professionally. Because my father gave me the greatest gift anyone could give another person, he believed in me. Peace is the beauty of life. It is sunshine. It is the smile of a child, the love of a mother, the joy of a father, the togetherness of a family. It is the advancement of man, the victory of a just cause, the triumph of truth. https://youtu.be/Cy5WfNMtbqw Open this link and see the real love of father for his son.

Real life of a farmar in this time

किसान के घर जन्म लिया है तो एक बार ज़रूर पढ़े_ ​एक किसान की मन की बात​:- कहते हैं.. इन्सान सपना देखता है तो वो ज़रूर पूरा होता है. मगर किसान के सपने कभी पूरे नहीं होते। बड़े अरमान और कड़ी मेहनत से फसल तैयार करता है, और जब तैयार हुई फसल को बेचने मंडी जाता है। बड़ा खुश होते हुए जाता है... बच्चों से कहता है... आज तुम्हारे लिये नये कपड़े लाऊंगा फल और मिठाई भी लाऊंगा।। पत्नी से कहता है.. तुम्हारी साड़ी भी कितनी पुरानी हो गई है फटने भी लगी है आज एक साड़ी नई लेता आऊंगा। पत्नी:–”अरे नही जी..!” “ये तो अभी ठीक है..!” “आप तो अपने लिये जूते ही लेते आना कितने पुराने हो गये हैं और फट भी तो गये हैं..!” जब किसान मंडी पहुँचता है। ये उसकी मजबूरी है.. वो अपने माल की कीमत खुद नहीं लगा पाता। व्यापारी उसके माल की कीमत अपने हिसाब से तय करते हैं... एक साबुन की टिकिया पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.। एक माचिस की डिब्बी पर भी उसकी कीमत लिखी होती है.। लेकिन किसान अपने माल की कीमत खु़द नहीं कर पाता .। खैर.. माल बिक जाता है, लेकिन कीमत उसकी सोच अनुरूप नहीं मिल पाती.। माल तौलाई के बाद

Holi

Holi Holi is an ancient festival of India and was originally known as 'Holika'. The festivals finds a detailed description in early religious works such as Jaimini's Purvamimamsa-Sutras and Kathaka-Grhya-Sutras. Historians also believe that Holi was celebrated by all Aryans but more so in the Eastern part of India. Days before the festival people start gathering wood for the lighting of the bonfire called Holika at the major crossroads of the city. This ensures that at the time of the actual celebration a huge pile of wood is collected. Then on the eve of Holi, Holika Dahan takes place. Effigy of Holika, the devil minded sister of demon King Hiranyakashyap is placed in the wood and burnt. For, Holika tried to kill Hiranyakashyap's son Prahlad, an ardent devotee of Lord Naarayana. The ritual symbolises the victory of good over evil and also the triumph of a true devotee. Children also hurl abuses at Holika and pray pranks, as if they still try to chase away Dhundhi

हर चीज का हल होता है,आज नहीं तो कल होता है

Life है तो संघर्ष हैं,तनाव है, ख़ुशी है,डर है !लेकिन अच्छी बात यह है कि ये सभी स्थायी नहीं हैं!समय रूपी नदी के प्रवाह में से सब प्रवाहमान हैं!कोई भी परिस्थिति चाहे ख़ुशी की हो या ग़म की, कभी स्थाई नहीं होती ,समय के अविरल प्रवाह में विलीन हो जाती है! ऐसा अधिकतर होता है की जीवन की यात्रा के दौरान हम अपने आप को कई बार दुःख ,तनाव,चिंता,डर,हताशा,निराशा,भय,रोग इत्यादि के मकडजाल में फंसा हुआ पाते हैं  हम तत्कालिक परिस्थितियों के इतने वशीभूत हो जाते हैं  कि दूर-दूर तक देखने पर भी हमें कोई प्रकाश की किरण मात्र भी दिखाई नहीं देती , दूर से चींटी की तरह महसूस होने वाली परेशानी हमारे नजदीक आते-आते हाथी के जैसा रूप धारण कर लेती है  और हम उसकी विशालता और भयावहता के आगे समर्पण कर परिस्थितियों को अपने ऊपर हावी हो जाने देते हैं,वो परिस्थिति हमारे पूरे वजूद को हिला डालती है ,हमें हताशा,निराशा के भंवर में उलझा जाती है…एक-एक क्षण पहाड़ सा प्रतीत होता है और हममे से ज्यादातर लोग आशा की कोई  किरण ना देख पाने के कारण  हताश होकर परिस्थिति के आगे हथियार डाल देते हैं! अगर आप किसी अनजान,निर्जन रेगिस्तान मे फँस

Super Dosti

दोस्ती किसी की रियासत नही होती, ज़िंदगी किसी की अमानत नही होती, हमारी सलतनत मैं देख कर क़दम रखना, क्योकि हमारी दोस्ती की क़ैद मैं ज़मानत नहीं होती। महफ़िल मैं कुछ तो सुनाना पड़ता हैं, गम छुपाकर मुस्कुराना पड़ता हैं, कभी उनके हम थे दोस्त, आजकल उन्हें याद दिलाना पड़ता हैं। नाजुक सा दिल कभी भुल से ना टूटे, छोटी छोटी बातो से आप ना रूठे, थोडी सी भी फिकर है अगर आपको हमारी, तो कोशिश करना की ये दोस्ती कभी ना टूटे। वादा ना करो अगर तुम निभा ना सको, चाहो न उसको जिसे तुम पा ना सको, दोस्त तो दुनिया में बहुत होते है, पर एक खास रखो जिसके बिना मुस्कुरा ना सको।

History of India

History of India History of IndiaIndia is a land of ancient civilization. India's social, economic, and cultural configurations are the products of a long process of regional expansion. Indian history begins with the birth of the Indus Valley Civilization and the coming of the Aryans. These two phases are usually described as the pre-Vedic and Vedic age. Hinduism arose in the Vedic period. The fifth century saw the unification of India under Ashoka, who had converted to Buddhism, and it is in his reign that Buddhism spread in many parts of Asia. In the eighth century Islam came to India for the first time and by the eleventh century had firmly established itself in India as a political force. It resulted into the formation of the Delhi Sultanate, which was finally succeeded by the Mughal Empire, under which India once again achieved a large measure of political unity. It was in the 17th century that the Europeans came to India. This coincided with the disintegration of the M

जीवन की सबसे बड़ी सिख देने वाली कहानी

एक समय की बात है, एक जंगल में सेब का एक बड़ा पेड़ था. एक बच्चा रोज उस पेड़ पर खेलने आया करता था. वह कभी पेड़ की डाली से लटकता, कभी फल तोड़ता, कभी उछल कूद करता था, सेब का पेड़ भी उस बच्चे से काफ़ी खुश रहता था. कई साल इस तरह बीत गये. अचानक एक दिन बच्चा कहीं चला गया और फिर लौट के नहीं आया, पेड़ ने उसका काफ़ी इंतज़ार किया पर वह नहीं आया. अब तो पेड़ उदास हो गया था. काफ़ी साल बाद वह बच्चा फिर से पेड़के पास आया पर वह अब कुछ बड़ा हो गया था. पेड़ उसे देखकर काफ़ी खुश हुआ और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा. पर बच्चा उदास होते हुए बोला कि अब वह बड़ा हो गया है अब वह उसके साथ नहीं खेल सकता. बच्चा बोला की, “अब मुझे खिलोने से खेलना अच्छा लगता है, पर मेरे पास खिलोने खरीदने के लिए पैसे नहीं है” पेड़ बोला, “उदास ना हो तुम मेरे फल (सेब) तोड़ लो और उन्हें बेच कर खिलोने खरीद लो. बच्चा खुशी खुशी फल (सेब) तोड़के ले गया लेकिन वह फिर बहुत दिनों तक वापस नहीं आया. पेड़ बहुत दुखी हुआ. अचानक बहुत दिनों बाद बच्चा जो अब जवान हो गया था वापस आया, पेड़ बहुत खुश हुआ और उसे अपने साथ खेलने के लिए कहा. पर लड़के ने क

Maha Shivratri

Maha Shivratri is seen as the “night of Shiva”, the Hindu god, who is alluded as “the destroyer of bad spirits.” This unique day isn’t for festivities and cheerful making rather its for wordhipping Lord Shiva, introspect and end up on serious meditation. While Shivratri comes once consistently, every month but the Maha Shivratri or the “immense night of Shiva” comes once in a year, just before the entry of spring season in the period of February or March. Its date continues changing each year as it is identified with the lunar schedule. This year, Maha Shivratri will be praised on February 13, Tuesday, and will be reached out till February 14. There are not that much Huss and fuss with shivratri because people generally like to celebrate shivratri in that way only. People from all over India celebrate this day with great devotion especially the women. Considered as one of the important Hindu festivals — Maha Shivaratri is celebrated with much aplomb by the devotees of Lord Shiva. The

Valentine’s Day is a special day

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Valentine’s Day is a special day Valentine’s Day is a special day for not only couples but every person out there although some people may not like the idea of Valentine’s Day but then their numbers are few. Valentine’s Day’ is celebrated on 14th February every year. It is celebrated in the memory of martyrdom of Saint Valentine. Initially the day was celebrated in USA and UK only but nowadays it is celebrated in many countries around the world. Several martyrdom stories were invented for the various Valentines that belonged to February 14. Generally Valentine’s Day is the main event among the chain of events that occur from February 7th and lasts about a valentine week ending with the 14th Feb, Valentine’s Day. The Valentine week Days starts with Rose Day on 7th February then on February 8th it’s the Propose Day thereafter we witness chocolate Day on 9th February. The following day that is on 10th February it is teddy day which leads to Promise day o 11th and Hug day on 12th of Feb

आज कल दोस्ती

आज कल दोस्ती पहले दोस्त, दोस्त की मदद करता था दोस्ती के लिए आज दोस्त, दोस्त की मदद करता है अक्सर अपने स्वार्थ के लिए पहले दोस्त पैसा दोस्त को दे देता था हमेशा के लिए और दोस्त कैसे भी करके लौटाता था, मन के सुकून के लिए आज कल दोस्ती तो लगता है, जैसे नाम के लिए रह गयी हैं कितना सब बदल गए हैं और कितनी सोच भी बदल गयी हैं और कहते हैं अपने दोस्त को जो उधार दे वो मूर्ख कहलाये और जो उधार वापस करे, वो उससे भी बड़ा मुर्ख कहलाये

Jindgi

Jindgi घबराने से मसले हल नहीं होते जो आज है, वो कल नहीं होते। ध्यान रखो इस बात का ज़रूर कीचड़ में सब कमल नहीं होते। नफ़ा पहुँचाते हैं जो जिस्म को मीठे अक्सर वो फल नहीं होते। जुगाड़ करना पड़ता है हमेशा रस्ते तो कभी सरल नहीं होते। दर्द की सर्द हवा से बनते हैं जो वो ठोस कभी तरल नहीं होते। नफ़रत की खाद से जो पेड़ पनपते हैं मीठे उनके कभी फल नहीं होते। जो आपको आपसे ज्यादा समझे ऐसे लोग दरअसल नहीं होते।।

अगर बस में मेरे होता

अगर बस में मेरे होता आसमान से तारे तोड़ लाता, अगर बस में मेरे होता तेरे कदमो में जन्नत बिछाता, अगर बस में मेरे होता तुझे दुनिया की सेर करा, एक नया ही जहां दिखलाता तेरी राहों में फूल बिछाता, अगर बस में मेरे होता तेरे ख्वाब की हक़ीक़त बन, सपने सारे सच कर जाता तेरे दर्द को खुद पर झेल जाता, अगर बस में मेरे होता मैं खुद को तेरा आईना और एक तस्वीर निराली बनाता तेरे आंसू को अपनी आँखों से गिराता, अगर बस में मेरे होता तेरे लिए एक ताजमहल बनवाता, प्यार मेरा सबको दिखलाता खुदा बन तेरी हर एक दुआ पूरी करता, अगर बस में मेरे होता कितनी मोहब्बत हैं तुमसे मुझे ये तुम्हे समझाने के लिए अपना दिल तेरे दिल में धड़काता, अगर मेरे बस में होता

गरीबी

गरीबी खुशियों को हर कोई बाँट लेता हैं पर किसी के गम को बांटना आसान नहीं होता किसी जरुरतमंद की मदद करना इंसानियत हैं ये किसी पर कोई एहसान नहीं होता परिंदे भी लौट आते हैं आखिर में अपने बसेरे की ओर पर कई इंसान ऐसे भी हैं जिनका कोई मकान नहीं होता एक बच्चा सड़क के किनारे बैठ कुछ सोच रहा था क्या गरीब बच्चो के दिल में कोई अरमान नहीं होता ? ये बात सच हैं के हर एक का अपना अपना नसीब हैं पर क्या कमजोर लोगो को देख मन कभी शर्मिंदा नहीं होता आज के दौर में गरीबी से बड़ी कोई सजा नहीं काश ऐसा हो के गरीबी का ही कोई नाम-o-निशान नहीं होता

Tamanna-e-Dil

Koi zabt de na jalal de, Mujhe sirf itna kamal de, Mai har ek ki sada banun, K zamana meri misaal de, Teri rehmaton ka nuzool ho, Meri mehnaton ka sila milay, Mujhe maal o zar ki hawas na ho, Mujhe bas tu rizq e halal de, Mere zehen mai Teri fikr ho, Meri saans mai Tera zikr ho, Tera khauf meri nijaat ho, Sabhi khauf dilse nikal de, Teri bargaah mai Aay Khuda meri roz o shab hai yahi Dua, Tu Raheem hai Tu Kareem hai, Tu sabhi balaa’on ko taal de.                 SSS

Aaj ka sach

करो तर्क जिसे करना है इन्सान ने ही *भगवान का निर्माण किया है* इसके *तार्किक सबूत* निम्नलिखित है:👇 *1.* मनुष्य के अलावा दुनिया का एक भी प्राणी *भगवान को नहीं मानता* । *2.* *जहाँ इन्सान नहीं पहुँचा* वहाँ एक भी मंदिर मस्जिद या चर्च *नहीं* *मिला* । *3.* अलग-अलग जगहों पर *अलग-अलग देवता* है। इसका मतलब *इन्सान को जैसी कल्पना सूझी वैसा भगवान बनाया* । *4.* दुनिया में अनेक धर्म पंथ और उनके *अपने-अपने देवता* हैं। इसका अर्थ *भगवान भी एक नहीं*। *5.* दिन प्रतिदिन *नये नये भगवान* तैयार हो रहे हैं। *6.* अलग-अलग *प्रार्थनाएं* हैं। *7.* " *माना तो भगवान, नहीं तो पत्थर* "...यह कहावत ऐसे ही नहीं बनी। *8.* दुनिया में *देवताओं के अलग-अलग आकार* और उनको *प्रसन्न करने की लिए अलग-अलग पूजा* । *9.* अभी तक *किसी इन्सान को भगवान मिलने के कोई प्रमाण नहीं* हैं। *10.* भगवान को *मानने वाला और न मानने वाला* भी *समान जिंदगी जीता है*। *11.* भगवान किसी का भी *भला* या *बुरा नहीं कर सकता* । *12.* भगवान *भ्रष्टाचार अन्याय, चोरी, बलात्कार आतंकवाद, अराजकता रोक नहीं सकता* । *13.* *छोटे मा

A real story of my student life

बात उन दिनों की है जब मैं बारहवीं कक्षा में था। मेरे Exams शुरू होने वाले थे तब एक अध्यापक ने मुझे और पूरी कक्षा को एक जीवन की सीख दी। उन्होंने कहा कि “ये तुम्हारे जिंदगी के सबसे महत्वपुर्ण साल है अगर तुम इन पांच-सात सालों में पढ़ाई में अच्छी मेहनत करते हो तो तुम्हे अपने जीवन में ज्यादा परेशानी नहीं होगी, पर अगर तुम अब अच्छे से नहीं पड़े तो तुम्हे अपने जीवन में काफी मेहनत करनी पड़ेगी और फिर भी तुम्हे वो वेतन नहीं दिया जाएगा जिसके तुम हक़दार हो। फिर तुम इन पलहो को बहुत याद करोगे और सोचोंगे की काश तब मैने अच्छे से मेहनत की होती तो आज मै कुछ बन जाता, किसी अच्छी जगहें पर नौकरी कर रहा होता। पर तब तक समय निकल गया होगा। ” तब तो मैं इन शब्दो का मतलब नहीं समझा पर आज मुझे अध्यापक की ये बात बहुत याद आती है और सच में आज मैं भी येही सोचता हूँ की काश तब मैने भी अच्छे से मेहनत की होती। अब मुझे बहुत कठिनाईयो का सामना करना पड रहा है |

Our Ambitious in every step of life

Ambitious Be Ambitious, But still aim for a simple life… . Be Determined, But yet Learn to Compromise… . Be Thoughtful, But yet keep your Peace of Mind… . Be Emotional, But be the Most of Your Emotions… . Look at Life, at People, But don’t be Tempted… . Have a Faith in God, But Always Give Your Best . Enjoy the Gentle Breeze, But keep Balance in the Storm.. . Enjoy the Little Pleasure of Nature But Remain Fit For The World… !

Real life in every step of this time

A real story of this time          🤴🏻एक बार राजा के दरबार मै एक फ़कीर गाना गाने जाता है           🗣फ़कीर बहुत अच्छा गाना गाता है।            राजा कहते हैं इसे खूब सारा सोना दे दो।            🗣🗣फ़कीर और अच्छा गाता है।            राजा कहते हैं इसे हीरे जवाहरात💎 भी दे दो।           🗣🗣🗣फकीर और अच्छा गाता है।           राजा कहते हैं इसे असरफियाँ भी दे दो।            🗣🗣🗣🗣फ़कीर और अच्छा गाता है।            राजा कहते हैं इसे खूब सारी ज़मीन🏜 भी दे दो।            फ़कीर गाना गा कर घर 🚶🏻चला जाता है।            और           अपने बीबी बच्चों से कहता है,,             आज  हमारे राजा जी ने गाने का खूब सारा इनाम दिया।           हीरे,जवाहरात,सोना,ज़मीन, असरफियाँ बहुत कुछ दिया।          सब बहुत खुश होते हैं           कुछ दिन बीते           फ़कीर को अभी तक मिलने वाला इनाम नही पहुँचा था...           फ़कीरे दरवार में फिर पहुँचा... कहने लगा....         राजा जी आप के द्वारा दिया गया इनाम मुझे अभी तक नहीं मिला।         🤴🏻राजा कहते हैं ..,,,           🤞🏻अ

Jindgi ka safar

https://youtu.be/ZVaMtSSbY0A किसी को अपनी पसन्द बनाना कोई बड़ी बात नही..... पर किसी की पसन्द बन जाना बहुत बड़ी बात है.... *"याद आना"* और  *"याद करना"* दोनों अलग अलग बातें है, *याद* हम उन्हें करते है,          *जो हमारे अपने होते है* और *याद* उन्हें आते है,        *जो हमें अपना समझते है*