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THE SEVEN SPIRITUAL LAWS OF SUCCESS

THE SEVEN SPIRITUAL LAWS OF SUCCESS LAW OF PURE POTENTIALITY If you have the desire,you have the ability to manifest that desire. LAW OF GIVING If you want joy, give joy to others;if you want love,learn to give love....Give what you want. LAW OF KARMA We reap what we sow so plant good seeds. LAW OF LEAST EFFORTS Grass doesn't try to grow,it just grows. Fish don't try to swim,they just swim.....Practice acceptance,responsibility and defencelessness. LAW OF INTENTION AND DESIRE One pointed intention the quality of attention that is unbending in its fixity of purpose. LAW OF DETACHMENT In order to acquire to anything, you have to relinquish you attachment to it. LAW OF "DHARMA" Everyone has a purpose in life -a unique gift or spacial talent to give to others.

परिवार क्यू टूट रहे हैं

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 भौतिकवादी युग में एक-दूसरे की सुख-सुविधाओं की प्रतिस्पर्धा ने मन के रिश्तों को झुलसा दिया है। कच्चे से पक्के होते घरों की ऊंची दीवारों ने आपसी वार्तालाप को लुप्त कर दिया है। पत्थर होते हर आंगन में फूट-कलह का नंगा नाच हो रहा है। आपसी मतभेदों ने गहरे मन भेद कर दिए हैं। बड़े-बुजुर्गों की अच्छी शिक्षाओं के अभाव में घरों में छोटे रिश्तों को ताक पर रखकर निर्णय लेने लगे हैं। फलस्वरूप आज परिजन ही अपनों को काटने पर तुले हैं। एक तरफ सुख में पड़ोसी हलवा चाट रहें है तो दुःख अकेले भोगने पड़ रहें है। हमें ये सोचना-समझना होगा कि अगर हम सार्थक जीवन जीना चाहते हैं तो हमें परिवार की महत्ता समझनी होगी और आपसी तकरारों को छोड़कर परिवार के साथ खड़ा होना होगा तभी हम बच पाएंगे और ये समाज रहने लायक होगा। A memorable Family👪 " टूट रहे परिवार हैं, बदल रहे मनभाव!  प्रेम जताते गैर से, अपनों से अलगाव !!  गलती है ये खून की, या संस्कारी भूल ! अपने कांटों से लगे, और पराये फूल !!" परिवार, भारतीय समाज में, अपने आप में एक संस्था है और प्राचीन काल से ही भारत की सामूहिक संस्कृति का एक विशिष्ट प्रतीक है। संयुक्त

Bareilly (Jhumka City)

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BAREILLY  ( Jhumka City ) भारत के सबसे बड़े राज्य उत्तर प्रदेश में स्थित बरेली जनपद राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली और उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ तक के राष्ट्रीय राजमार्ग के बीचों-बीच स्थित है। प्राचीन काल से इसे बोलचाल में बांस बरेली का नाम दिया जाता रहा और अब यह बरेली के नाम से ही पहचाना जाता है। इस जनपद का शहर महानगरीय है। यह उत्तर प्रदेश में आठवां सबसे बड़ा महानगर और भारत का ५०वां सबसे बड़ा शहर है। बरेली उत्तराखंड राज्य से सटा जनपद है। इसकी बहेड़ी तहसील उत्तराखंड के ऊधमसिंह नगर की सीमा के निकट है।रामगंगा नदी के तट पर बसा यह शहर प्राचीन रुहेलखंड का राजधानी मुख्यालय रहा है। बरेली का राज्य दर्जा प्राप्त महात्मा ज्योतिबा फूले रुहेलखंड विश्विद्यालय होने की वजह से उच्च शिक्षा के लिए इस विश्वविद्यालय का अधिकार क्षेत्र बरेली और मुरादाबाद मंडल के जिन नौ जिलों तक विस्तारित है, वे जिले ही प्रथम स्वतंत्रता संग्राम के दौर में रुहेलखंड का हिस्सा रहे। ऐसे में आज भी बरेली को रुहेलखंड का मुख्यालय ही माना जाता है।महाभारत काल में बरेली जनपद की तहसील आंवला का हिस्सा पांचाल क्षेत्र हुआ करता था। ऐसे में इ

PILIBHIT

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PILIBHIT हमारा पीलीभीत 1801 में जब रोहिलखंड को अंग्रेजों को सौंप दिया गया था, तो पीलीभीत जिला बरेली का परगना था, जिसे 1833 में हटा दिया था यह व्यवस्था अस्थायी थी और 1841 में बरेली के साथ एक बार फिर से एकजुट हुआ। 1871 में परगना जहानाबाद, पीलीभीत और पुरनपुर के इलाके को संयुक्त कर पीलीभीत तहसील का निर्माण हुआ। जिसे अंततः 1879 में एक जिले में बदल दिया गया। ब्रिटिश शासन की शुरूआत में पीलीभीत, जहानाबाद और बीसलपुर परगना को अलग अलग तहसील बनाया गया था तथा पूरनपुर को तहसील बनाने के लिए परगना पूरनपुर को खुटार के साथ जोड़ा गया। 1824 में क्षेत्र के पुनर्वितरण के परिणामस्वरुप, जब बीसलपुर तहसील के अंतर्गत परगना बीसलपुर और मरौरी आते थे, जो बाद में एक क्षेत्र बन गया; जहानाबाद को रिच्छा के साथ मिलाकर तहसील परेवा और पीलीभीत के साथ बिलहरी के साथ मिलाकर तहसील पीलीभीत को मुख्यालय बनाया गया था। 1895 में बिलहरी और अन्य तराई परगना को प्रत्यक्ष प्रबंधन के तहत लिया गया और 1863 में रिच्छा को बहेड़ी तहसील से जोड़ा गया तथा परगना जहांनाबाद को पीलीभीत को सौंपा गया। 1865 में पीलीभीत के हस्तांतरण पर पुर